कोरोना वायरसः लॉकडाउन में कुलसचिव डॉ. नीता खन्ना को सौंपी गई कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय की कमान
चार साल तक विद्यार्थियों एवं गैर शिक्षक कर्मचारियों को प्रशासनिक नियमों का पाठ पढ़ाने वाले कुलपति प्रो. कैलाश चंद्र शर्मा का कार्यकाल समाप्त हो गया। मंगलवार को कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के कुलाधिपति एवं राज्यपाल सत्यादेव नारायण आर्य के आदेशानुसार विश्वविद्यालय की कमान केयू कुलसचिव डा. नीता खन्ना को सौंपी गई। आगामी आदेशों तक कुलसचिव डा. नीता खन्ना कुलपति का अतिरिक्त कार्यभार संभालेंगी। जिसके बाद विश्वविद्यालय के गैर शिक्षक कर्मचारियों में खुशी की लहर है।
कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय परिसर में पिछले कई दिनों से शिक्षकों एवं गैर शिक्षक कर्मचारियों के बीच कुलपति को लॉकडाउन की स्थिति को देखते हुए तीन माह की एक्सटेंशन दी जाने की चर्चाएं जोरों पर थी, लेकिन मंगलवार को हरियाणा राजभवन से जारी हुए आदेश में कुलसचिव डा. नीता खन्ना को कुलपति का अतिरिक्त कार्यभार सौंपा गया है। बताया जा रहा है कि कुलपति को कार्य विस्तार न मिले इसके लिए जबरदस्त लॉबिंग चल रही थी।
एबीवीपी की जिला कार्यकारिणी सहित कई राजनेताओं के लिए यह प्रतिष्ठा का सवाल बना हुआ था। मालूम हो कि हाल ही में रैली का न्यौता देने कुरुक्षेत्र पहुंचे इनसो के राष्ट्रीय अध्यक्ष दिग्विजय चौटाला के समक्ष भी कुंटिया नेताओं ने अपनी समस्याओं को लेकर दुखड़ा रोया था।
चर्चा में बने रहे प्रो. शर्मा
प्रोफेसर कैलाश चंद्र शर्मा ने चार वर्ष पहले 31 मार्च 2016 में कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय में बतौर कुलपति का कार्यभार संभाला था। गत वर्ष 31 मार्च 2019 को कुलपति प्रो. केसी शर्मा को एक साल का सेवा विस्तार मिल। 31 मार्च 2016 से अब तक उनके कार्य करने के तौर-तरीके चर्चा का विषय रहे।
विश्वविद्यालयों को ऊंचाइयों पर ले जाने पर कुलपति की महत्वपूर्ण भूमिका रही तो वहीं चार वर्ष तक केयू के गैर शिक्षक कर्मचारियों के साथ भी पेंच फंसा रहा। हालांकि कुंटिया का ज्यादातर कुलपतियों पर दबाव रहा, लेकिन प्रो. केसी शर्मा ने हड़ताली गैर शिक्षक कर्मचारियों के खिलाफ कड़ा एक्शन लिया।