कोरोना और लॉकडाउन: हरियाणा सीएम ने बदली दिनचर्या, जनता से किया बुरी आदतें छोड़ने का आग्रह

 


कोरोना और लॉकडाउन: हरियाणा सीएम ने बदली दिनचर्या, जनता से किया बुरी आदतें छोड़ने का आग्रह


कोरोना के कारण 21 दिन के बंद ने आमजन के साथ ही हरियाणा के सीएम मनोहर लाल की दिनचर्या भी बदल दी है। उनकी जीवनशैली में अनेक बदलाव आए हैं। सामान्य जनजीवन में बेहद व्यस्तता के चलते वह जो कार्य करने की सोचते थे, लेकिन नहीं कर पाते थे। अब खाली समय में उन्हें कर पा रहे हैं, चूंकि घर के भीतर ही जो रहना है।


 

सीएम मनोहर लाल अब 45 मिनट की जगह डेढ़ घंटे शारीरिक व्यायाम कर रहे हैं। पुस्तक पढ़ने का समय नहीं मिलता था। अब रोजाना एक घंटे किताब पढ़ रहे। कंप्यूटर पर काम करने का शौक पूरा नहीं होता था। खाली समय होने पर अब एक घंटे तक कंप्यूटर पर नई-नई चीजें सीखकर ज्ञानवर्धन करने में लगे हैं।

उन्होंने जनता को भी खाली समय सृजनात्मक कार्यों में लगाने की सलाह दी है। साथ ही 21 दिन में बीड़ी, सिगरेट व शराब इत्यादि बुरी आदतें छोड़ने को कहा है। सीएम मनोहर लाल ने कहा कि पुराना समय याद करें जब टीवी, मोबाइल इत्यादि नहीं होते थे। संयुक्त परिवार थे। दादा-दादी, नाना-नानी की कहानियां सुनते थे।

आज भी घर में उनसे प्राचीन कहानियां सुन सकते हैं। जिनके दादा-दादी, नाना-नानी नहीं हैं, वे माता-पिता से किस्से-कहानियां सुनें। खेल-खेल में ज्ञानवर्धन कर सकते हैं। परिवार के साथ बैठकर 5 पसंदीदा बातें, खेल, हीरो, दोस्त, रंग, भोजन, विश्वविद्यालय किताबें, जन्मदिन, वर्षगांठ के समय की रोचक बातें कागज पर लिखें। सबको एकत्रित करने पर कई नई जानकारियां मिलेंगी।

मुझे तो मौका मिला नहीं, कर सकते पत्नियों को खुश
सीएम ने बंद के दौरान खाली समय बिताने के अनेक मंत्र भी दिए। उन्होंने कहा कि पेंटिंग करें। कुकिंग की रुचि पूरी कर सकते हैं। इससे पत्नियां भी खुश होंगी। पति-पत्नियों में अनेक तरह के हंसी, मजाक चलते रहते हैं, वे कर सकते हैं। मुझे तो मौका मिला नहीं, लेकिन परिवार वाले हंसी, खुशी के साथ इस समय को बिताएं। नई भाषाएं, चीजें सीखें।

उन्होंने व्यवसाय के दौरान 20 दिन तमिलनाडु में रहने के दौरान तमिल सीख ली थी। इस समय पूरा राष्ट्र ही एक परिवार है। सबने एकजुट होकर इस विपत्ति से निपटना है और सबको बचाना है। कुछ लोग परिवार से दूर भी हैं, उनसे संपर्क बनाए रखें। सीएम ने गुरुग्राम जिले के पालड़ा गांव के कृष्ण राघव व अंबाला जिले के मनीष जोशी की सरकार को भेजी रचनाएं भी पढ़कर सुनाई।