Coronavirus को रोकने के लिए गांव के बाहर लाठी लेकर बैठे हैं ग्रामीण, बाहरी शख्स की नो एंट्री

 


Coronavirus को रोकने के लिए गांव के बाहर लाठी लेकर बैठे हैं ग्रामीण, बाहरी शख्स की नो एंट्री



सार


गांव में पूरी तरह से नो एंट्री लागू है। अगर कोई ज्यादा बोलता है, तो पहले गांव वाले अपने अंदाज में समझाते हैं और उसके बाद पुलिस को बुला लेते हैं।

 

विस्तार


हरियाणा में कोरोना वायरस को लेकर, खासतौर पर ग्रामीण इलाकों में ज्यादा चौकसी बरती जा रही है। शहरों में पुलिस प्रशासन लॉकडाउन पर नजर रख रहा है, तो वहीं गांवों में ताऊ यानी बुजुर्गों के निर्देशन में पहरा दिया जा रहा है। गांव के बाहर बुजुर्ग लट्ठ लिए बैठे हैं। उनका साफ कहना है कि अब कोरोना को लेकर कोई ढिलाई नहीं होगी।



 

गांव में पूरी तरह से नो एंट्री लागू कर दी गई है। अगर कोई ज्यादा बोलता है, तो पहले गांव वाले अपने अंदाज में समझाते हैं और उसके बाद पुलिस को बुला लेते हैं। यह पहरा शाम तक जारी रहता है। रात में युवाओं को पहरे की कमान सौंप दी जाती है।
 

अभी तक हरियाणा में कोरोना को लेकर उतना भय नहीं है, जितना दूसरे राज्यों में देखा जा रहा है। यहां अब डर केवल बाहर से आने वाले लोगों का है। यही वजह है कि राज्य के सभी बॉर्डर पूरी तरह सील कर दिए गए हैं। मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर और उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने सभी जिलों के डीसी और एसपी को सख्त निर्देश देकर कहा है कि वे हर स्थिति में लॉकडाउन का पालन सुनिश्चित कराएं।

इसका असर भी हुआ है। शहर में अब लॉकडाउन सफल हो रहा है। पहले गांव में यह कहा जा रहा था कि वहां पर बुजुर्ग नहीं समझ रहे हैं। वे टोली बनाकर ताश खेलते हैं। इसके बाद जिला प्रशासन और पुलिस, कई गांवों में पहुंची। कुछ जगह पर कार्रवाई भी हुई। नतीजा, ग्रामीण समझ गए कि अब सोशल डिस्टेंसिंग बनाकर कोरोना को मात देनी है।

किलोई के सुभाष चंद्र बताते हैं कि गांव में बुजुर्गों की सलाह सब मानते हैं। लिहाजा वे उम्र के इस पड़ाव पर होते हैं कि गांव में कोई भी ऐसा शख्स नहीं होता, जिसे वे न जानते हों। अब वे सुबह दस बजे गांव के बाहर आकर बैठ जाते हैं। कोई भी बाहरी व्यक्ति गांव में नहीं घुसने दिया जाता।

राज्य के गृहमंत्री अनिल विज का कहना है कि अब डर केवल बाहर से आने वाले लोगों का है। निजामुद्दीन मरकज से आए लोगों ने हमारी चिंता बढ़ा दी है। पता चला है कि हरियाणा में ऐसे 503 लोग पहुंचे हैं। इनमें से 72 लोग तो विदेशों से आए थे। जिला प्रशासन उनकी तलाश में जुट गया है।

जनप्रतिनिधियों से अपील की जा रही है कि वे ऐसे लोगों पर नजर रखें और उनकी सूचना तुरंत दें। कोई भी व्यक्ति सड़क पर मिलता है, तो उसे 14 दिन के लिए क्वारंटीन सेंटर में भेज दिया जाता है। गांवों में हमें पूरा सहयोग मिल रहा है। वहां अब पूर्ण लॉकडाउन हो गया है।
 

इससे पहले प्रदेश के डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला ने भी अधिकारियों की बैठक में कहा था कि वे सीमावर्ती जिलों पर खास निगरानी रखें। हमें पता चला कि दूसरे प्रदेशों से कुछ लोग हरियाणा में प्रवेश कर सकते हैं। सिरसा, फतेहाबाद, गुरुग्राम, रेवाड़ी, पलवल, अंबाला, पंचकुला और कई दूसरे जिलों में पुलिस तैनात की गई है।

प्रवासी मजदूर रेलवे लाइन के जरिए इधर-उधर न जाएं, इसके लिए अब रेलवे ट्रैक पर पुलिस का पहरा बढ़ाया गया है। रेलवे लाइनों पर वहां पुलिस नाके नाके लगाए जा रहे हैं, जहां रेलवे लाइन दूसरे राज्यों में एंट्री करती है।

उत्तर प्रदेश, राजस्थान और दिल्ली पर खास नजर है। पुलिस रातभर गश्त कर यह सुनिश्चित करती है कि यहां से कोई व्यक्ति प्रदेश में न घुसने पाए। बता दें कि हरियाणा में अभी तक कोरोना के 43 मामले हैं, पंजाब में 41, दिल्ली में 120, राजस्थान में 93, यूपी में 103, चंडीगढ़ में 13, मध्यप्रदेश में 47, महाराष्ट्र में 302 और केरल में 241 केस आए हैं।